संस्थान से अध्ययन प्राप्त महान विभूतियोें पर व्याख्यानमाला
साहित्य समाज का दर्पण है। क्रियाशीलता ही जीवंतता है। परिवेश विशेष का अपना वैशिष्ट्य होता है जो उसकी सहज पहचान होती है । भारत विविधताओं का देश है इसलिए परिवेशीय वैविध्य के कारण किसी समस्या विशेष पर सोचने की प्रवृत्ति और उसके समाधान के उपायों में विविधता होना निश्चित है ।इसी विविधता में भारतीय संस्कृति के अनन्य समर्थक विदेशी प्रतिरूप से भिन्न भारत की परिस्थितियों एवं भारतीय विचार परंपरा के अनुरूप समाजवाद के अनुयायी डॉ संपूर्णानंद जी ने आई .ए. एस. ई. (पूर्व में सीपीआई )से एल.टी.की उपाधि 1941-42में प्राप्त की थी। महान विभूतियों पर व्याख्यानमाला कार्यक्रम की इसी श्रृंखला में वर्तमान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन की स्थापना 1896 में वर्नाकुलर ट्रेनिंग कालेज लखनऊ के रूप में हुई। 1948 में राजकीय केन्द्रीय अध्यापन संस्थान इला० (आचार्य नरेन्द्र देव समिति 1939) के परिप्रेक्ष्य में भारत की यह एक मात्र संस्था थी, जो शिक्षक प्रशिक्षण के अतिरिक्त पाठ्यक्रम निर्माण, पाठ्यपुस्तक, लेखन, मूल्यांकन, शैक्षिक शोध नवाचार आदि अभिनव कार्यक्रमों का संचालन करवाती थी। साहित्य /राजनीति जगत की महान विभूति पर आधारित एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन के द्वारा संस्थान की महान विभूतियों के विषय मे और अधिक जानकारी प्रदान करने हेतु बेसिक शिक्षा निदेशक आदरणीय डॉ०सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह की प्रेरणा के साथ ही अपर शिक्षा निदेशक बेसिक आदरणीय ललिता प्रदीप जी के कुशल मार्गदर्शन में संस्थान से अध्ययन प्राप्त महान विभूतियों पर व्याख्यानमाला कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 01 अक्टूबर 2021 समय सायंकाल 4:00 से 5:00 किया जाना है। उक्त कार्यक्रम में आप सभी प्रतिभाग कर कार्यक्रम को सफल बनाये।
