राजकीय तथा सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों / प्रधानाध्यापकों का क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण 31 Oct 2022 से 04 Nov 2022
संस्थान आई0ए0एस0ई0 प्रयागराज की प्राचार्य सुश्री गायत्री के निर्देशन में राजकीय तथा सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों/ प्रधानाध्यापकों का पॉच दिवसीय क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण का शुभारम्भ दिनांक 31.10.2022 को हुआ।
सत्र का शुभारम्भ करते हुए श्रीमती स्मिता जायसवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया संयोजक श्री संतराम सोनी एवं श्री रमेश तिवारी कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती दरख्शा आब्दी, श्रीमती अमिता सिंह, श्री रणजीत कार्यक्रम सहसमन्वयक डॉ0 मीनाक्षी पाल, डॉ0 रूपाली दिव्यम ने प्रषिक्षण के लिए आये समस्त प्रतिभागियों (प्रधानाचार्यों) का अभिनन्दन किया और बताया कि संस्थान में 1984 से प्रधानाचार्यों का प्रशिक्षण होता रहा है। विषय विशेषज्ञ श्री सत्य नारायण चौरसिया पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक ने मूल्यांकन प्रणाली NEP 2020 के परिप्रेक्ष्य में विस्तार से बताया तथा NEP 2020 के 27 अध्याय में मूल्यांकन के बारे में कहॉ और क्या बताया गया है एक प्रधानाचार्य को अपने विद्यालय में मूल्यांकन प्रणाली के सन्दर्भ में किन-किन बातां की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। उन्हांने बताया कि राष्ट्रीय मूल्यांकन केन्द्र की स्थापना की बात NEP 2020 में कही गयी जिसे PARAKH नाम दिया गया। उन्होंने मूल्यांकन का सम्बन्ध शैक्षिक उद्देश्यों और अधिगम अनुभव से जोड़ते हुए स्पष्ट किया। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन मापन, बोर्ड परीक्षा में शामिल मूल्यांकन प्रणाली के बारे में बताया संज्ञानात्मक तथा संज्ञानेत्तर पक्ष किस मूल्यांकन से सम्बन्धित है उसे स्पष्ट किया अंकपत्र में ऐसा कार्ड बनाये जाने की बात कही जिसमें तीनों शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हो सके। रचनात्मक (फार्मेटिव) एवं योगात्मक (समेटिव) मूल्यांकन को स्पष्ट किया।
द्वितीय सत्र में श्री गुलाब सिंह (सेवानिवृत्त वित्त एवं लेखाधिकारी) ने विद्यालयी वित्तीय नियम/अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया और प्रधानाचार्यों की समस्याओं का समाधान भी किया। सरकारी धन को बहुत ही सावधानीपूर्वक खर्च करने की सलाह दी आडिट के समय सारे अभिलेखां को पूर्व में ही पूर्ण करते हुए सम्बन्धित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने की बात को बताया तथा लियन क्या है तथा फाईनेंशियल हैण्डलूम वैल्यूम-2 एवं वेतन वितरण अधिनियम की जानकारी प्रदान की।
संस्थान में उपस्थित सभी सदस्यों का प्रशिक्षण में सहयोग रहा।





